ना जाने कैसी साजिशों में घिर गया है मन वकील,
अब दोस्तों की नज़रों में गिर गया है मन वकील,
वाहवाहियों सलाहियतों से भरे वो दौर अब कहाँ,
तनहाइयाँ ही मिलती बाँहें पसारे अब यहाँ वहाँ,
चंद अलफ़ाज़ जो कोई बोले जो हमसे प्यार से,
बस अपना सुनने को तरस गया है मन वकील,
ना जाने कैसी साजिशों में घिर गया है मन वकील,
अब दोस्तों की नज़रों में गिर गया है मन वकील,
गुमनामियां भी अब मेरे चौखट पे आकर है खड़ी,
बस मौका ढूंढ़ती, कब आएगी लानतों की वो घड़ी,
एक नाम है जो शायद कभी युहीं जायेगा ऐसे मिट,
अपने नाम को समेटने में बिखर गया है मन वकील
ना जाने कैसी साजिशों में घिर गया है मन वकील,
अब दोस्तों की नज़रों में गिर गया है मन वकील,
=मन-वकील
अब दोस्तों की नज़रों में गिर गया है मन वकील,
वाहवाहियों सलाहियतों से भरे वो दौर अब कहाँ,
तनहाइयाँ ही मिलती बाँहें पसारे अब यहाँ वहाँ,
चंद अलफ़ाज़ जो कोई बोले जो हमसे प्यार से,
बस अपना सुनने को तरस गया है मन वकील,
ना जाने कैसी साजिशों में घिर गया है मन वकील,
अब दोस्तों की नज़रों में गिर गया है मन वकील,
गुमनामियां भी अब मेरे चौखट पे आकर है खड़ी,
बस मौका ढूंढ़ती, कब आएगी लानतों की वो घड़ी,
एक नाम है जो शायद कभी युहीं जायेगा ऐसे मिट,
अपने नाम को समेटने में बिखर गया है मन वकील
ना जाने कैसी साजिशों में घिर गया है मन वकील,
अब दोस्तों की नज़रों में गिर गया है मन वकील,
=मन-वकील