प्रेम ना जाने नियम की बाटी, प्रेम उन्मुक्त भावों की घाटी,
प्रेम माँ का बालक से अनुराग, प्रेम अपनों के लिए त्याग,
प्रेम चतुर छले पलपल मोहे,प्रेम बसे ग्रंथो में कबीर के दोहे,
प्रेम माया जाल कभी तीर साचा,प्रेम खटास ज्यो फ़ल काचा,
प्रेम होय मैं नभ में उडता खग,प्रेम संयम बुरे ना होय जग,
प्रेम बने प्रेरणा करूँ निज सुधार,जो होय वासना तो दूँ विसार ....
==मन वकील