पिता का साया
उनके मज़बूत हाथों में मेरे नन्हे हाथ थे थमे,
और मैं सीख गया दुनिया की राह पर चलना,
अपनी भूख भुलाकर वो कड़ी मेहनत थे करते,
माँ मुझे देती थाली में सजाकर,यूँ भरपेट खाना,
अपनी फटी बनियान को चुपचाप सी लेते थे वो,
पर मुझे नयी टी-शर्ट में देखकर वो खूब खुश होते,
मेरी परवरिश के लिए न्यौछावर कर दिए सुख,
मुझे बड़ा होते देख जो हमेशा खुश बहुत थे होते
वो पिताजी थे मेरे, जो थे मेरे जीवन का आधार,
छोड़कर चले गये अचानक, अब कहाँ होंगे सोते
मैं यहाँ वहाँ ढूँढता हूँ उन्हें, वो उनकी शीतल छाया,
बहुत नसीब वाला था मैं, जब तक था पिता का साया ===
( अपने परम प्रिये पिता जी की याद में )
==मन वकील
उनके मज़बूत हाथों में मेरे नन्हे हाथ थे थमे,
और मैं सीख गया दुनिया की राह पर चलना,
अपनी भूख भुलाकर वो कड़ी मेहनत थे करते,
माँ मुझे देती थाली में सजाकर,यूँ भरपेट खाना,
अपनी फटी बनियान को चुपचाप सी लेते थे वो,
पर मुझे नयी टी-शर्ट में देखकर वो खूब खुश होते,
मेरी परवरिश के लिए न्यौछावर कर दिए सुख,
मुझे बड़ा होते देख जो हमेशा खुश बहुत थे होते
वो पिताजी थे मेरे, जो थे मेरे जीवन का आधार,
छोड़कर चले गये अचानक, अब कहाँ होंगे सोते
मैं यहाँ वहाँ ढूँढता हूँ उन्हें, वो उनकी शीतल छाया,
बहुत नसीब वाला था मैं, जब तक था पिता का साया ===
( अपने परम प्रिये पिता जी की याद में )
==मन वकील
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